Tuesday, June 21, 2016

व्यक्तिव विकार से उत्पन्न अभद्र व्यवहार बनाम अनुचित व्यवहार

ज्यों ही यह सपष्ट हो जाता है की अन्तर्सम्बंधिय कलह का कारक व्यक्तित्व विकार से उत्पन्न अभद्र व्यव्हार हैं,  मात्र अनुचित व्यवहार नहीं, तब फिर उसके आगे उचित व्यवहारों की सीख देना या टिपण्णी करना अपने में एक दर्द देयक कर्म हो जाता है उनके ऊपर जो की व्यतित्व विकार की पीड़ा को वहन कर रहा होता है।